क्योंकि मैं वो मानव हूँ जो मानव नहीं समझा जाता
मन तो मेरा भी करता है मॉर्निग वॉक पर जाऊं मैं, सुबह सवेरे मालिश करके थोड़ी दंड लगाऊं मैं, बूढ़ी मॉ के पास में बैठूं और पॉव दबाऊँ मैं लेकिन मैं इतना भी नही कर पाता, क्योंकि मैं वो मानव हूँ जो मानव नही समझा जाता ****************** हमने बर्थ डे की पिघली हुई मोमबत्तियॉ देखी है, हमने पापा की राह तकती सूनी अंखियाँ देखी हैं, हमने पिचके हुए रंगीन गुब्बारे देखे हैं, पर बच्चे के हाथ से मैं केक नही खा पाता, क्योंकि मैं वो मानव हूँ जो मानव नही समझा जाता ******************** निज घर करके अंधेरा सबके दिये जलवाये हैं, कहीं सजाया भोग कहीं गोवर्धन पुजवायें हैं, और भाई बहिन को यमुना स्नान करवाये हैं, पर तिलक बहिन का मेरे माथे तक नही आ पाता, क्योंकि मैं वो मानव हूँ जो मानव नहीं समझा जाता ******************** हमने ईद दिवाली दशहरा खूब मनाये हैं, ईस्टर,किर्समस,वैलेंटाइन और फ्राइडे मनाये हैं, पर मैं कोई होलीडे संडे नही मना पाता, क्योंकि मैं वो मानव हूँ जो मानव नहीं समझा जाता ******************** आपदा फायरिंग या विस्फोट या एक्सीडेंट पर आना है, सब भागें दूर- दूर पर हमें हॉस्पिटल आपातकाल में ही जाना है, र...