Posts

Showing posts from December, 2015

beta

          बेटे ................................. एक सात वर्षीय बेटा दूसरी कक्षा मैं प्रवेश पा गया .... क्लास मैं हमेशा से अव्वल आता रहा है ! पिछले दिनों तनख्वाह मिली तो मैं उसे नयी स्कूल ड्रेस और जूते दिलवाने के लिए बाज़ार ले गया ! बेटे ने जूते लेने से ये कह कर मना कर दिया की पुराने जूतों को बस थोड़ी-सी मरम्मत की जरुरत है वो अभी इस साल काम दे सकते हैं! अपने जूतों की बजाये उसने मुझे अपने दादा की कमजोर हो चुकी नज़र के लिए नया चश्मा बनवाने को कहा ! मैंने सोचा बेटा अपने दादा से शायद बहुत प्यार करता है इसलिए अपने जूतों की बजाय उनके चश्मे को ज्यादा जरूरी समझ रहा है ! खैर मैंने कुछ कहना जरुरी नहीं समझा और उसे लेकर ड्रेस की दुकान पर पहुंचा..... दुकानदार ने बेटे के साइज़ की सफ़ेद शर्ट निकाली ... डाल कर देखने पर शर्ट एक दम फिट थी..... फिर भी बेटे ने थोड़ी लम्बी शर्ट दिखाने को कहा !!!! मैंने बेटे से कहा : बेटा ये शर्ट तुम्हें बिल्कुल सही है तो फिर और लम्बी क्यों ? बेटे ने कहा :पिता जी मुझे शर्ट निक्कर के अंदर ही डालनी होती है इसलिए थोड़ी लम्बी भी होगी तो कोई फर्क ...