hindi kavitaye
ये धुंध कुहासा छंटने दोरातों का राज्य सिमटने दोप्रकृति का रूप निखरने दोफागुन का रंग बिखरने दो,प्रकृति दुल्हन का रूप धरजब स्नेह – सुधा बरसायेगीशस्य – श्यामला धरती माताघर -घर खुशहाली लायेगी,तब चैत्र-शुक्ल की प्रथम तिथिनव वर्ष मनाया जायेगाआर्यावर्त की पुण्य भूमि परजय-गान सुनाया जायेगा...
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