sohan prakash
अब उसे भी याद कर !
झूठ की बुनियाद पर, रिश्ते बनाना छोड दे।
पंछियों को जाल में अपने फंसाना छोड दे।।
जिस्म ताकतवर जो है, तो दूसरों की कर मदद,
पर किसी कमजोर को, ताकत दिखाना छोड दे।।
वो भी इक इन्सान है, मुफलिस हुआ तो क्या हुआ,
प्यार से कर बात उसका, दिल दुखाना छोड दे।।
नेकियां ही आदमी को जिन्दा रखती हैं सदा,
बे वजह ही तू किसी को अब सताना छोड दे।।
देखता है ’वो‘ सभी कुछ और देता है सजा,
तुझ को जुल्मों के लिये, चाहे जमाना छोड दे।।
कर लिया सब ऐश ’सोहन‘ अब उसे भी याद कर,
कम बचा है वक्त इस का यूं गंवाना छोड दे।।
sohan prakash mere blog pe
झूठ की बुनियाद पर, रिश्ते बनाना छोड दे।
पंछियों को जाल में अपने फंसाना छोड दे।।
जिस्म ताकतवर जो है, तो दूसरों की कर मदद,
पर किसी कमजोर को, ताकत दिखाना छोड दे।।
वो भी इक इन्सान है, मुफलिस हुआ तो क्या हुआ,
प्यार से कर बात उसका, दिल दुखाना छोड दे।।
नेकियां ही आदमी को जिन्दा रखती हैं सदा,
बे वजह ही तू किसी को अब सताना छोड दे।।
देखता है ’वो‘ सभी कुछ और देता है सजा,
तुझ को जुल्मों के लिये, चाहे जमाना छोड दे।।
कर लिया सब ऐश ’सोहन‘ अब उसे भी याद कर,
कम बचा है वक्त इस का यूं गंवाना छोड दे।।
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